सतगुरु पिया मोरी रंग दो चुनरिया,
दोहा – गुरु पारस गुरु पुरुष हैं,
चंदन बास सुहास,
सतगुरु पारस जीव को,
दीना मुक्ति निवास।
सतगुरु पिया मोरी रंग दो चुनरिया,
साहब पिया मोरी रंग दो चुनरिया।।
आप रंगो चाहे मोल मंगाओ,
प्रेम नगर की लगी हैं बजरिया,
सतगुरु पिया म्हारी रंग दो चुनरिया।।
लाल न रँगाऊँ मैं पीली न रँगाऊँ,
ऐसी रंगों जैसे स्वामी की पगड़िया,
सतगुरु पिया म्हारी रंग दो चुनरिया।।
धोए धाए हरि रंग नहीं छूटे,
धोबी धोवे चाहे सारी उमरिया,
सतगुरु पिया म्हारी रंग दो चुनरिया।।
धर्मीदास की आ हैं अर्ज गौसांई,
ओढ़ के जाऊँ मैं गुरु की नगरिया,
सतगुरु पिया म्हारी रंग दो चुनरिया।।
सतगुरु पिया म्हारी रंग दो चुनरिया,
साहब पिया मोरी रंग दो चुनरिया।।
प्रेषक – रामेश्वर लाल पँवार।
आकाशवाणी सिंगर।
9785126052