सतसंग प्यारी रे,
दुनियां की बातां,
लागे खारी रे।।
जैसे मीन नीर को प्यारी,
कभी नही होवे न्यारी रे,
बिछट ही मर जावे कभी नही,
होवे न्यारी रे।।
जैसे सती पति को प्यारी,
कभी नही होवे न्यारी रे,
जीवत ही जल जावे चिता में,
पति की लारा रे।।
जैसे माता शिशु को प्यारी,
कभी नही होवे न्यारी रे,
नैणा टपके नीर,
काया धुजे सारी रे।।
ज्ञान स्वरूप जी सतगुरू मिलिया,
बातां बताया सारी रे,
प्रभु ऐसा भक्त ने,
जाउं बलिहारी रे।।
सतसंग प्यारी रे,
दुनियां की बातां,
लागे खारी रे।।
गायक – सांवरिया निवाई।
7014827014