सावन आयो रे,
मारी राधा रूक्मण रा भरतार,
सावरिया प्यारा सावन आयों रे।।
सावन आवन कह गयो रे,
कर गयो कोल अनेक,
सावन आवन कह गयो रे,
कर गयो कोल अनेक,
गिनता गिनता घिस गई रे,
गिनता गिनता घिस गई रे,
लाल अंगलीया री रेख,
सावरिया प्यारा सावन आयों रे,
सावन आयों रे,
मारी राधा रूक्मण रा भरतार,
सावरिया प्यारा सावन आयों रे।।
ज्यु मै एडो जानती रे,
प्रीत किया दुख होय,
ज्यु मै एडो जानती रे,
प्रीत किया दुख होय,
नगर ढिंढोरो पीटती रे,
नगर ढिंढोरो पीटती रे,
प्रीत न करीयो कोई,
सावरिया प्यारा सावन आयों रे,
सावन आयों रे,
मारी राधा रूक्मण रा भरतार,
सावरिया प्यारा सावन आयों रे।।
सावरा ने ढुँढन मै गई रे,
कर जोगन रो वेश,
सावरा ने ढुँढन मै गई रे,
कर जोगन रो वेश,
ढुँढत ढुँढत जुग भया,
ढुँढत ढुँढत जुग भया रे,
सिर मे आया धोला केश,
सावरिया प्यारा सावन आयों रे,
सावन आयों रे,
मारी राधा रूक्मण रा भरतार,
सावरिया प्यारा सावन आयों रे।।
सावली सुरत मोहनी मुरत,
घुगरवरना केश,
सावली सुरत मोहनी मुरत,
घुगरवरना केश,
बाई मीरा ने गिरधर मिलीया,
बाई मीरा ने गिरधर मिलीया,
कर नटवर रो वेश,
सावरिया प्यारा सावन आयों रे,
सावन आयों रे,
मारी राधा रूक्मण रा भरतार,
सावरिया प्यारा सावन आयों रे।।
सावन आयो रे,
मारी राधा रूक्मण रा भरतार,
सावरिया प्यारा सावन आयों रे।।
गायक – प्रकाश माली जी।
प्रेषक – मनीष सीरवी
9640557818