सांवरिया अपने भक्तो को,
तुम भी क्या यूँ रुलाओगे,
चलते चलते हार गया मैं,
क्या तुम मुझे जिताओगे,
सांवरिया अपने भक्तों को,
तुम भी क्या यूँ रुलाओगे।।
दर दर जाकर हार गया था,
मिलता कुछ ना सहारा था,
हारे का तू साथ निभाता,
कहता सारा ज़माना था,
ये ही पूछने आया तुमसे,
तुम क्या साथ निभाओगे,
सांवरिया अपने भक्तों को,
तुम भी क्या यूँ रुलाओगे।।
ग़म के अँधेरे दुःख के बादल,
चारों और मंडराते हैं,
कितनी भी मैं कर लूँ कोशिश,
वो तो छट नहीं पाते है,
तू ही बता दे अब तो मोहन,
क्या मुझको अपनाओगे,
सांवरिया अपने भक्तों को,
तुम भी क्या यूँ रुलाओगे।।
पीड़ा इतनी क्या तुझको बताऊ,
जिन्दा हूँ ये गनीमत है,
देख के हालत तू ही समझ ले,
कहने की क्या ज़रूरत है,
देना नहीं तो साथ ओ बाबा,
ज़िंदा भी क्या लौटाओगे,
सांवरिया अपने भक्तों को,
तुम भी क्या यूँ रुलाओगे।।
आ ही गया अब दर पे तेरे,
तुम ही साथ निभाओगे,
औरों की भी नैया चले है,
मेरी भी तुम ही चलाओगे,
‘भानु’ बोले साथ निभा दो,
क्या ज़्यादा तरसाओगे,
सांवरिया अपने भक्तों को,
तुम भी क्या यूँ रुलाओगे।।
सांवरिया अपने भक्तो को,
तुम भी क्या यूँ रुलाओगे,
चलते चलते हार गया मैं,
क्या तुम मुझे जिताओगे,
सांवरिया अपने भक्तों को,
तुम भी क्या यूँ रुलाओगे।।
Singer – Shweta Agrawal
बहुत अच्छा भजन धन्यवाद उपासना जी
ओर आपकी पुरी टीम को