सांवरिया की खाटू नगरी,
लेकर मुझे चलोगे क्या,
कहलाते सब श्याम भक्त,
कोई मेरा काम करोगे क्या,
साँवरिया की खाटू नगरी,
लेकर मुझे चलोगे क्या।।
तर्ज – क्या मिलिए ऐसे लोगो से।
निर्धन है तेरा भक्त सांवरा,
तेरे दर नही आ पाया,
फिर ये बहाना करता है की,
तेरा बुलावा ना आया,
मन में एक सवाल है की,
कभी दर्शन आकर दोगे क्या,
मन में एक सवाल है की,
कभी दर्शन आकर दोगे क्या,
साँवरिया की खाटू नगरी,
लेकर मुझे चलोगे क्या।।
खाटू वाला बैठ यहाँ से,
डोर खींचता जाता है,
जो भी बंधे है डोर से इनकी,
खाटू नगरी जाता है,
मेरी डोर खींचने का,
सांवरिया अब लोगे क्या,
मेरी डोर खींचने का,
सांवरिया अब लोगे क्या,
साँवरिया की खाटू नगरी,
लेकर मुझे चलोगे क्या।।
विनती सभी श्याम प्रेमी से,
आज दया दिखला दो तुम,
एक तरसते पुत्र को भक्तो,
पिता से आज मिला दो तुम,
‘शिवम’ की इस छोटी सी विनती,
पर विचार करोगे क्या,
‘शिवम’ की इस छोटी सी विनती,
पर विचार करोगे क्या,
साँवरिया की खाटू नगरी,
लेकर मुझे चलोगे क्या।।
कहलाते सब श्याम भक्त,
कोई मेरा काम करोगे क्या,
सांवरिया की खाटू नगरी,
लेकर मुझे चलोगे क्या।।
Singer – Manish Soni