कईया बैठा हो चुप चाप,
साँवरिया मुंडे बोलो नी,
थाकी राधा रुकमण ना बोले,
पण आप बोलो नी।।
मारी थारा भरोसे चाले नावडली,
डग मग डोले जी,
ए सावरा आकर नईया पार लगादो,
आस ले आयो जी।।
सावरा ना पीहर मारे नाही सासरो,
लिनो आसरो जी,
कईया बैठा हो चुप चाप,
साँवरा मुंडे बोलोनी।।
ए मारो जीवन बीत्यो थारे आँगनिए,
कुण संग जावा जी,
ए बाई नानी रा बीर पिरजी,
मुखड़े बोलो नी।।
ए मारे दूजो नई कोइ यो आसरो,
थाको लीनो जी,
अरे जो भी देनो होजो दीजे,
सावरा सरणे आयो जी।।
अरे जो केणो हो जो केदियो आपने,
सरणे आकर जी,
ए थारे चरणा माही केणो केदियो,
दिनों आकर जी।।
कईया बैठा हो चुप चाप,
साँवरिया मुंडे बोलो नी,
थाकी राधा रुकमण ना बोले,
पण आप बोलो नी।।
Singer – Bheru Puri Sopura
प्रेषक – शंभू कुमावत दौलतपुरा।
9981101560