सांवरिया री बड़ी अपार,
कृपा बरस रही जी बरस रही,
समझो तो बेड़ा पार,
कृपा बरस रही जी बरस रही,
साँवरिया री बड़ी अपार,
कृपा बरस रही जी बरस रही।।
पहली कृपा माने मनख बणायो,
संता रे संग में लाय बिठायो,
खोल दिया भंडार,
कृपा बरस रही जी बरस रही,
साँवरिया री बड़ी अपार,
कृपा बरस रही जी बरस रही।।
पापी और मूर्ख नर नारी,
हरि भगति रा सब अधिकारी,
हे दाता बडो़ उदार,
कृपा बरस रही जी बरस रही,
साँवरिया री बड़ी अपार,
कृपा बरस रही जी बरस रही।।
सुख-दुख घाटों नफो बीमारी,
है साधन सामग्री सारी,
हे मुंडों मति बिगाड़,
कृपा बरस रही जी बरस रही,
साँवरिया री बड़ी अपार,
कृपा बरस रही जी बरस रही।।
मैं म्हारा संकल्प आज मिटावा,
क्यों मैं दूजी अकल लगावा,
है राख धणी पर भार,
कृपा बरस रही जी बरस रही,
साँवरिया री बड़ी अपार,
कृपा बरस रही जी बरस रही।।
सांवरिया री बड़ी अपार,
कृपा बरस रही जी बरस रही,
समझो तो बेड़ा पार,
कृपा बरस रही जी बरस रही,
साँवरिया री बड़ी अपार,
कृपा बरस रही जी बरस रही।।
गायक / प्रेषक – देव शर्मा आमा।
8290376657