सांवरिया सुनले पुकार,
द्वार पे दर्दी आयौ है,
साँवरिया सुनले पुकार,
द्वार पर दर्दी आयौ है,
जग बतावै है लखदातार-२,
तू काहे मुंह ने फिरावै है,
साँवरिया सुनले पुकार,
द्वार पर दर्दी आयौ है।।
मना मना थानै आंख्या भटक गई,
श्याम तू क्या मैं अटक्यौ-२,
जीवन नईया डोल रही मेरी,
फिर भी तू ना भटक्यौ-२,
मेरे नयनों का थे ही सृंगार,
श्याम मेरे दिल में समायो है,
साँवरिया सुनले पुकार,
द्वार पर दर्दी आयौ है।।
गिन गिन कांटू दिन मिलन को,
रांता नींद ना आवे -२,
रूस्स के मुझसे काठा बन गयौ,
काहे नखरौ दिखा्वै-२,
मेरे जीवन का तू ही आधार,
म्हानै थारो हुक्म बजानौ है.
साँवरिया सुनले पुकार,
द्वार पर दर्दी आयौ है।।
बालक हूं नादान मैं तेरा,
रिश्ता आन निभालो-२,
गलती का पुतला हूं मैं बाबा,
आकर प्रभु सम्भालो-२,
मेरे सर के हो तुम सरताज,
दर्दी को तुमने निभाना है,
साँवरिया सुनले पुकार,
द्वार पर दर्दी आयौ है।।
सांवरिया सुनले पुकार,
द्वार पे दर्दी आयौ है,
साँवरिया सुनले पुकार,
द्वार पर दर्दी आयौ है,
जग बतावै है लखदातार-२,
तू काहे मुंह ने फिरावै है,
साँवरिया सुनले पुकार,
द्वार पर दर्दी आयौ है।।
प्रेषक –
विनोद कुमार।
श्री श्याम मीरा मंडल दिल्ली।
मोब. ९२१२०६७४२२
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