सांवरिया थारी मोरछड़ी,
निराली बड़ी जादूगरी,
मेरा श्याम थारी मोरछड़ी,
निराली बड़ी जादूगरी।।
आड़े जद कोई संकट आवे,
मोरछड़ी सिर पे लहरावे,
टाले है म्हारी दुःख की घड़ी,
निराली बड़ी जादूगरी,
साँवरिया थारी मोरछड़ी,
निराली बड़ी जादूगरी।।
मोरछड़ी म्हारे श्याम ने प्यारी,
मोरछड़ी की महिमा भारी,
हँसावे या तो रोते न बड़ी,
निराली बड़ी जादूगरी,
साँवरिया थारी मोरछड़ी,
निराली बड़ी जादूगरी।।
मोर छड़ी की है सकलाई,
श्याम बहादुर जद लहराई,
खोली पट ताले जड़ी,
साँवरिया थारी मोरछड़ी,
निराली बड़ी जादूगरी।।
श्याम धणी म्हारो बन्यो सहाई,
आलूसिंह जी जद लहराई,
“तुलसी”या बनावे बिगड़ी,
निराली बड़ी जादुगरी,
साँवरिया थारी मोरछड़ी,
निराली बड़ी जादूगरी।।
सांवरिया थारी मोरछड़ी,
निराली बड़ी जादूगरी,
मेरा श्याम थारी मोरछड़ी,
निराली बड़ी जादूगरी।।
– लेखक एवं प्रेषक –
रोशनस्वामी”तुलसी”
9887339360