सांवरिया तोरे प्रेम की,
हुई रे दीवानी,
ओ रे मेरे रसिया,
मोरे मन बसिया,
मीट हुई रे पानी पानी,
साँवरिया तोरे प्रेम की,
हुई रे दीवानी।।
मोर मुकुट कानो में कुण्डल,
गल वैजन्ती नैनो में काजल,
गल वैजन्ती नैनो में काजल,
मूरतिया तेरे नैनो पे,
हुई रे मोहिनी,
साँवरिया तोरे प्रेम की,
हुई रे दीवानी।।
श्याम मोहे रंग रे रंग रसिया,
ओ रे पिया मोरे मन बसिया,
ओ रे पिया मोरे मन बसिया,
बंसी तो तोरी मोहना,
प्रीत निशानी,
साँवरिया तोरे प्रेम की,
हुई रे दीवानी।।
रास रचत वृन्दावन साजन,
तुझ बिन आधी है वैरागन,
तुझ बिन आधी है वैरागन,
रंगी है तेरे रंग में,
प्रेम दीवानी,
साँवरिया तोरे प्रेम की,
हुई रे दीवानी।।
सांवरिया तोरे प्रेम की,
हुई रे दीवानी,
ओ रे मेरे रसिया,
मोरे मन बसिया,
मीट हुई रे पानी पानी,
साँवरिया तोरे प्रेम की,
हुई रे दीवानी।।
स्वर – प्रदीप वैरागी।