ओ बाबा श्याम का दरबार निराला,
बैठा है वो खाटू में,
सेठों का सेठ यही है,
इनसे मांगो ना,
ओ बाबा श्याम का दरबार निराला।।
तर्ज – म्हारो श्याम बसे खाटू माहि।
जीवन की राह कठिन है,
पथरीला रास्ता,
माया में साँसे अटकी,
भटका मैं रास्ता,
ओ बाबा रे माया में साँसें अटकी,
भटका मैं रास्ता,
आकर तू हाथ पकड़ ले,
लेजा साथ ना,
ओ बाबा श्याम का दरबार निराला।।
शुक्राना करता हूँ मैं,
करता हूँ वंदना,
जन्मो जन्मो तक बाबा,
छूटे ये साथ ना,
ओ बाबा रे जन्मो जन्मो तक बाबा,
छूटे ये साथ ना,
आशा की डोर ना टूटे,
करूँ प्रार्थना,
ओ बाबा श्याम का दरबार निराला।।
खाटू है अब तो ‘पंकज’,
मुक्ति का रास्ता,
बनते हैं काम सभी के,
बैठा हैं सांवरा,
ओ भक्तों रे बनते हैं काम सभी के,
बैठा हैं सांवरा,
दर पे जो इसके जाए,
कहीं जाए ना,
ओ बाबा श्याम का दरबार निराला।।
ओ बाबा श्याम का दरबार निराला,
बैठा है वो खाटू में,
सेठों का सेठ यही है,
इनसे मांगो ना,
ओ बाबा श्याम का दरबार निराला।।
Singer – Chamanlal Garg