शब्द तेरी सार,
कोये कोये जाने,
कोए कोए जाने जी,
कोये कोये जाने।।
जैसे दिए पे पतंगा,
जलावे अपना अंगा,
या जलने की सार,
कोये कोये जाने।।
जैसे फूल ऊपर भवरा,
कली रश ले रहया,
या फूला की महकार,
कोये कोये जाने।।
हे जी चांद चकोरा,
यो बोले दादुर मोरा,
या शब्द झंकार,
कोये कोये जाने।।
हे जी कहत कबीरा,
मन धरता क्यों न धीरा,
यो गुरु का उपकार,
कोये कोये जाने।।
शब्द तेरी सार,
कोये कोये जाने,
कोए कोए जाने जी,
कोये कोये जाने।।
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