शम्भू के विवाह का मजा लीजिए,
शिव के दीदार का मजा लीजिए।।
तर्ज – थोड़ा इंतजार का।
सर्पों का हार पहने,
भस्मी लगी अंग में,
बनके बाराती चले,
भुत प्रेत संग में,
शिव के श्रृंगार का मजा लीजिए,
शिव के दीदार का मजा लीजिए।।
माथे पे चंद्र सोहे,
भंग की उमंग है,
मृगछाला तन पे सोहे,
जटा बिच गंग है,
डमरू के नाद का मजा लीजिए,
शिव के दीदार का मजा लीजिए।।
त्रिशूल धारी की,
बरछा सवारी है,
देवगण बाराती संग में,
भीड़ बहुत भारी है,
नंदी की चाल का मजा लीजिए,
शिव के दीदार का मजा लीजिए।।
शम्भू के विवाह का मजा लीजिए,
शिव के दीदार का मजा लीजिए।।
स्वर – चंदन शर्मा।