शंभू महाकाल की नगरी में,
श्री श्याम पधारे जी,
शंभू महाकाल की,
श्याम पधारे श्याम पधारे,
श्री श्याम पधारे जी,
शंभु महाकाल की नगरी में,
श्री श्याम पधारे जी,
शंभू महाकाल की।।
नीले ऊपर श्याम बिराजे,
नंदी पर म्हारा भोला जी,
शिव शंभू म्हारे श्याम धनी ने,
सारा नगर घुमावे जी,
शंभू महाकाल की,
शंभु महाकाल की नगरी में,
श्री श्याम पधारे जी,
शंभू महाकाल की।।
श्याम धनी शिव शंकर जी ने,
छप्पन भोग खिलावे जी,
शिव शंभू म्हारा श्याम धनी ने,
भंग चखावे जी,
शंभू महाकाल की,
शंभु महाकाल की नगरी में,
श्री श्याम पधारे जी,
शंभू महाकाल की।।
श्याम धनी संग शंभू भोला,
मस्त होयकर नाच रयो,
श्री राधा ओर पार्वती जी,
बतिया बतलावे रे,
शंभू महाकाल की,
शंभु महाकाल की नगरी में,
श्री श्याम पधारे जी,
शंभू महाकाल की।।
शिव शम्भू बोल्या,
सुन म्हारा श्याम धनी,
थारे खाटू आवन की,
म्हारी इच्छा बहुत घनी।।
ना करो चिंता शिव शम्भू,
मैं निज भगतां ने संग ल्यायो,
उज्जैन नगर के माहि,
खाटू धाम बनायो जी,
शंभू महाकाल की,
शंभु महाकाल की नगरी में,
श्री श्याम पधारे जी,
शंभू महाकाल की।।
शंभू महाकाल की नगरी में,
श्री श्याम पधारे जी,
शंभू महाकाल की,
श्याम पधारे श्याम पधारे,
श्री श्याम पधारे जी,
शंभु महाकाल की नगरी में,
श्री श्याम पधारे जी,
शंभू महाकाल की।।
गायक – बंटू भैया।
प्रेषक – नवीन कुमार।
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