शंकर भोले कृपा कीजे,
मैं आधीन तुम्हारा,
भोले नाथ मुझ पर कृपा कीजो,
मैं हू दास तुम्हारा।।
चावल चंदन और सुपारी,
और दूधन की धारा,
जटा मुकुट में गंगा खलके,
सैंस गले फन काला,
शंकर भोले कृपा कीजो,
मैं आधीन तुम्हारा।।
भांग धतूरा अम्ल आरोगे,
और विषन का प्याला,
बैल चढ़े शिव शंख बजावे,
पार्वती वर प्यारा,
शंकर भोले कृपा कीजो,
मैं आधीन तुम्हारा।।
डावे पग में पदम विराजे,
और गले रुद्र माला,
चांद ललाट शिवजी के भलके,
वो भी स्याम हमारा,
शंकर भोले कृपा कीजो,
मैं आधीन तुम्हारा।।
गहरी गहरी नदिया नाव पुरानी,
किस विध उतरू पारा,
‘तानसेन’ शिवजी रा गुण गावे,
भवजल उतरो पारा,
शंकर भोले कृपा कीजो,
मैं आधीन तुम्हारा।।
शंकर भोले कृपा कीजे,
मैं आधीन तुम्हारा,
भोले नाथ मुझ पर कृपा कीजो,
मैं हू दास तुम्हारा।।
गायक – पेमाराम जयपाल धारवी।
Upload – Vikram Barmeri
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https://youtu.be/poRAoCIw9J0