शरण तेरी आयो बांके बिहारी,
शरण तेरी आयों बांके बिहारी।।
तर्ज – भटकता डोले काहे प्राणी।
पल पल में परदा किये जा रहे हो,
पल पल में परदा किये जा रहे हो,
नज़र कब मिलेगी हमारी तुम्हारी,
शरण तेरी आयों बांके बिहारी।।
चिलमन से बाहर निकलकर के आओ,
चिलमन से बाहर निकलकर के आओ,
बढ़ा क्यों रहे हो बेकरारी,
शरण तेरी आयों बांके बिहारी।।
दीवानगी ‘पप्पू शर्मा’ की देखो,
दीवानगी ‘पप्पू शर्मा’ की देखो,
जिगर चिर दिखला दे छवि तुम्हारी,
शरण तेरी आयों बांके बिहारी।।
शरण तेरी आयो बांके बिहारी,
शरण तेरी आयों बांके बिहारी।।
स्वर / रचना – पप्पू शर्मा खाटू वाले।