शारदे शारदे वर दे,
माँ ऐसा,
एक युग में तो क्या,
किसी युग में,
दिया हो ना जैसा।।
तर्ज – प्यार करते है हम तुम्हे।
तेज तेरा जगत में समाया,
रूप तेरा मेरे मन को भाया,
ज्ञान की जोत से जग सजाया,
वीणा वाली मैं ये गुनगुनाया,
शारदे शारदे वर दें,
माँ ऐसा।।
वेद हाथों में माँ तेरे भाये,
वीणा वाली तू वीणा बजाये,
स्वरमयी तुझको जो नित्य ध्याये,
तेरा आशीष वो निश्चय पाये,
शारदे शारदे वर दें,
माँ ऐसा।।
सात स्वर में विराजे तू माता,
वीणा कर में तेरे मात भाता,
मान सम्मान और ज्ञान पाता,
तेरे चरणों के गुण जी भी गाता
शारदे शारदे वर दें,
माँ ऐसा।।
शारदे शारदे वर दे,
माँ ऐसा,
एक युग में तो क्या,
किसी युग में,
दिया हो ना जैसा।।
गीतकार – राजेन्द्र प्रसाद सोनी।
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