शरणे आयोड़ा री लाज राखे,
दोहा – अम्बापुर में जन्म लियो,
आई माता ज्यारो नाम,
कलयुग में अवतार लियो,
माँ विराजे बिलाड़ा धाम।
कुलदेवी माँ आई मात री,
महिमा निराली रे,
शरणे आयोड़ा री लाज राखे,
बिलाड़ा वाली रे,
है जग जननी मात भवानी,
कुल रखवाली रे,
शरण आयोड़ा री लाज राखे,
माँ मतवाली वाली रे।।
तर्ज – त्रिलोकी रो नाथ जाट घर।
क्षत्रिय कुल में जन्म लियो माँ,
बिका जी री दुलारी रे,
अम्बापुर में पुकारे सगला,
जीजी नाम सुखकारी रे,
दिव्य तेज मुखड़े पे चमके,
ज्यो सूरज की लाली रे,
शरणे आयोडा री लाज राखे,
बिलाड़ा वाली रे।।
बचपन में ही जीजी ने ऐसा,
चमत्कार दिखलाया रे,
नाग ने वापस भेजियो बिल में,
बेल ने शांत कराया रे,
मोहमद खिलजी का मर्दन करे माँ,
जावे खाली रे,
शरणे आयोडा री लाज राखे,
बिलाड़ा वाली रे।।
भक्तो का कल्याणं करने,
माँ बेल संग निकल पड़ी,
नारलाई में ज्योत प्रगटाई,
होवे जठै केशर री झड़ी,
आई पंथ से जोड़ भक्तो की,
विपदा टाली रे,
शरणे आयोडा री लाज राखे,
बिलाड़ा वाली रे।।
चमत्कार कर रही है मैया,
राजस्थान रे माई रे,
डायलाणा फिर भेसाणा माँ,
बिलावास में आई रे,
व्रद्ध रूप में बिलाड़ा पधारी,
महिमा निराली रे,
शरणे आयोडा री लाज राखे,
बिलाड़ा वाली रे।।
चैत्र वैशाखी भादव माघ सुदी,
बीज की महिमा न्यारी है,
अंतर्ध्यान हुई बिलाड़ा में,
ध्यावे नर और नारी रे,
‘दिलबर’ भजन सुणावै कन्हैय्या,
दे दे ताली रे,
शरणे आयोडा री लाज राखे,
बिलाड़ा वाली रे।।
कुलदेवी माँ आई मात री,
महिमा निराली रे,
शरणे आयोड़ा री लाज राखे,
बिलाड़ा वाली रे,
है जग जननी मात भवानी,
कुल रखवाली रे,
शरण आयोड़ा री लाज राखे,
माँ मतवाली वाली रे।।
गायक – कन्हैया वैष्णव हैदराबाद।
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
नागदा जक्शन म.प्र. 9907023365
बहुत ही रचना बड़े भाई साब दिलिप जी दिलबर द्वारा
खूब खूब अनुमोदना भाई साब ❤️🙏🚩