शेरावाली शेरावाली सिंह पे सवार,
दर्शन दो जगदंबे हो रही आवार,
दर्शन दो जगदंबे हो रही आवार।।
बड़ी दूर से मैया चल के आया,
दर्शन की अभिलाषा लाया,
खोली ओ मैया तुम प्रेम के किवाड़,
दर्शन दो जगदंबे हो रही आवार।।
भक्त भी तारे तूने संत भी तारे,
भक्त भी तारे तूने संत भी तारे,
तारे हैं मैया तूने पापी हजार,
दर्शन दो जगदंबे हो रही आवार।।
जो कोई मैया तेरे दर पे आये,
खाली हाथ कबहु ना जावे,
जीवन में भर दो माँ खुशियां अपार,
दर्शन दो जगदंबे हो रही आवार।।
शेरावाली शेरावाली सिंह पे सवार,
दर्शन दो जगदंबे हो रही आवार,
दर्शन दो जगदंबे हो रही आवार।।
गायक – हल्केराम जी कुशवाह।
Upload By – Deependra Rajput
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