शेरावाली तू मैया,
तू जग की रचैया,
हमने जब भी है,
तुमको पुकारा,
भव सागर से,
तूने है तारा,
भव सागर से,
तूने है तारा।।
तर्ज – मेरी प्यारी बहनिया।
पर्वतों में युगों से है,
ज्योत तेरी जलती,
चरणों को है धोती हुई,
गंगा भी है बहती,
राजा हो चाहे कोई,
रंक हो मैया,
पाया तुमसे ही,
सबने सहारा,
भव सागर से,
तूने है तारा,
भव सागर से,
तूने है तारा।।
रोज ही करोड़ो,
यहाँ आते है सवाली,
सबकी तुम्ही तो मैया,
करती हो रखवाली,
सबके ही कांटो को,
कलियाँ बनाता,
तेरा माँ बस,
एक ही इशारा,
भव सागर से,
तूने है तारा,
भव सागर से,
तूने है तारा।।
जिनके सिरों पे तेरी,
ममता का हाथ माँ,
दुनिया में चलते वो,
गर्व के साथ माँ,
झुटे जहां के तो,
दिलासे भी झुटे,
एक सच्चा है,
प्यार तुम्हारा,
भव सागर से,
तूने है तारा,
भव सागर से,
तूने है तारा।।
शेरावाली तू मैया,
तू जग की रचैया,
हमने जब भी है,
तुमको पुकारा,
भव सागर से,
तूने है तारा,
भव सागर से,
तूने है तारा।।