शीश के दानी थारा कीर्तन करावा,
कीर्तन करावा थाने आज बुलावा,
शीश के दानी थारा कीर्तन करावां।।
सच्ची श्रद्धा से बाबा थाने बुलावा,
हीरा मोत्या सु बाबा सिंहासन सजावा,
आप पधारो बाबा सिंहासन बिराजो,
शीश के दानी थारा कीर्तन करावां।।
केसरिया रंग का थाने बागा पहनावा,
फूल चढ़ावां थाने इत्तर लगावा,
केसर चन्दन का बाबा तिलक लगावा,
शीश के दानी थारा कीर्तन करावां।।
थाल सजावां छप्पन भोग लगावा,
देसी घी का बाबा दीपक जलावा,
आरती उतारां बाबा ध्यान लगावा,
शीश के दानी थारा कीर्तन करावां।।
ग्यारस का कीर्तन बाबा रात जगावा,
सुख दुःख की बातां बाबा थाने बतावा,
भजना सु थाने बाबा आज रिझावाँ,
शीश के दानी थारा कीर्तन करावां।।
शीश के दानी थारा कीर्तन करावा,
कीर्तन करावा थाने आज बुलावा,
शीश के दानी थारा कीर्तन करावां।।
Singer & Writer – Surendra Jangid