शिव अद्भुत रूप बनाए,
जब ब्याह रचाने आए।।
तर्ज – मनिहारी का भेष बनाया।
भुत बेताल थे,
संग में चंडाल थे,
भुत बेताल थे,
संग में चंडाल थे,
कैसी बारात शंकर सजाए,
जब ब्याह रचाने आए।
शिव अदभुत रूप बनाए ,
जब ब्याह रचाने आए।।
लंगड़े-लूले भी थे,
अंधे काणे भी थे,
लंगड़े-लूले भी थे,
अंधे काणे भी थे,
शुक्र शनिचर को भी संग लाये,
जब ब्याह रचाने आए।
शिव अदभुत रूप बनाए ,
जब ब्याह रचाने आए।।
आए सब देवता,
पाए जब नेवता,
आए सब देवता,
पाए जब नेवता,
देवियों को भी संग में बुलाए,
जब ब्याह रचाने आए।
शिव अदभुत रूप बनाए ,
जब ब्याह रचाने आए।।
लोग डरने लगे,
और ये कहने लगे,
लोग डरने लगे,
और ये कहने लगे,
रूप कैसा गजब बनाए,
जब ब्याह रचाने आए।
शिव अदभुत रूप बनाए ,
जब ब्याह रचाने आए।।
बोलो सत्यम शिवम्,
है वही सुन्दरम,
बोलो सत्यम शिवम्,
है वही सुन्दरम,
गोरा के मन को भाए,
जब ब्याह रचाने आए।
शिव अदभुत रूप बनाए ,
जब ब्याह रचाने आए।।
शिव अद्भुत रूप बनाए ,
जब ब्याह रचाने आए।।
Singer : Tripti Shakya