शिव भोले की कृपा से,
दुनिया ये चल रही है,
भक्तों की सोई किस्मत,
भक्तों की सोई किस्मत,
पल में बदल रही है,
शिव भोलें की कृपा से,
दुनिया ये चल रही है।।
तर्ज – भोला भंडारी आया मोहन तेरी।
हुआ जब समुद्र मंथन,
निकाला था विष हलाहल,
पी गए थे विष को सारे,
तुम नील कंठ बनकर
भोले की देख लीला,
भोले की देख लीला,
हैरान हो रही है,
शिव भोलें की कृपा से,
दुनिया ये चल रही है।।
आकाश से जो निकली,
गंगा की तेज धारा,
किया था जटा में धारण,
पृथ्वी को था उबारा,
पीछे तो भागीरथ के,
पीछे तो भागीरथ के,
माँ गंगा चल रही है,
शिव भोलें की कृपा से,
दुनिया ये चल रही है।।
असुरो को वर है देते,
कहलाते हो भंडारी,
भस्मासुर और जलंधर,
वरदान पाए भारी,
रावण ने पाई लंका,
रावण ने पाई लंका,
किस्मत बदल रही है,
शिव भोलें की कृपा से,
दुनिया ये चल रही है।।
धन धान सबको बाटें,
खुद हाल है फकीरी,
दिया सोना चाँदी सबको,
मृगछाल खुद लपेटी,
तेरी कृपा से दुनिया,
तेरी कृपा से दुनिया,
भंडार भर रही है,
शिव भोलें की कृपा से,
दुनिया ये चल रही है।।
शिव भोले की कृपा से,
दुनिया ये चल रही है,
भक्तों की सोई किस्मत,
भक्तों की सोई किस्मत,
पल में बदल रही है,
शिव भोलें की कृपा से,
दुनिया ये चल रही है।।
स्वर – राकेश जी काला।
Sir nice your song. Dil chu lya hai yea bhajan. Om namaha shivay