शिव डमरू वाले को,
दिल से ना भुलाना तू,
शंकर त्रिपुरारी की,
नित आरती गाना तू।।
शिव शिव कहके प्राणी,
जीने का मजा ले ले,
मालूम नहीं कब तू,
दुनिया से रजा ले ले,
भोले भंडारी को,
नित हाल सुनाना तू,
शंकर त्रिपुरारी की,
नित आरती गाना तू।।
किस्मत के भरोसे पे,
कर्मो को किए जा तू,
दो दिन की रवानी है,
हँस हँस के जिए जा तू,
माया के दीवानो का,
कुछ खौफ ना खाना तू,
शंकर त्रिपुरारी की,
नित आरती गाना तू।।
पीकर के जहर शिव ने,
अमृत को बिसारा था,
कर जोड़ के देवों ने,
शंकर को पुकारा था,
शिव चरण के पानी को,
आँखों से लगाना तू,
शंकर त्रिपुरारी की,
नित आरती गाना तू।।
शिव डमरू वाले को,
दिल से ना भुलाना तू,
शंकर त्रिपुरारी की,
नित आरती गाना तू।।