शिव की नजरो में वो स्मार्ट है,
श्लोक – याद क्यूँ करता नहीं ऐ बावरे मन में,
राम थे भगवान दुःख लाखो सहे वन में,
टल नहीं सकता वो होगा जो भी है होना,
बस मुस्कुराले चार पल छोड़ दे ये रोना।।
तर्ज – साजन मेरा उस पार है
सुख दुःख इस जीवन के दो पार्ट है,
माना दुःख लम्बे और सुख शार्ट है,
हंसकर मुसीबत जिसने झेली है,
शिव की नजरो में वो स्मार्ट है।।
सुख को ही जो सबकुछ समझते है,
माया के फंदे में वो फसते है,
लाखो में होते है इक दो ऐसे,
संकट की घडियो में जो हँसते है,
मुश्किल में हँसना ही तो आर्ट है,
शिव की नजरो में वो स्मार्ट है।।
परियो के ख्यालो में जा खोया है,
बचपन में रोया है और सोया है,
अपनी सांसे देकर तेरी माँ ने,
ममता के धागे में पिरोया है,
जीवन यही से स्टार्ट है,
शिव की नजरो में वो स्मार्ट है।।
रोना हँसाना हो या पाना खोना,
कितने पल जगना है कब है सोना,
कुटिया में रहना है या महलो में,
पहले से लिखा है जो होना है,
शिव ने बनाया सबका चार्ट है,
शिव की नजरो में वो स्मार्ट है,।।
उलझाए जो बंधन उसे तोड़ दे,
खुद को बहती धारा पे छोड़ दे,
केवल सुमिरन कर ले बम भोले का,
दिल के तारो उससे जोड़ दे,
ये तो धड़केगा क्युकी हार्ट है,
शिव की नजरो में वो स्मार्ट है,।।
सुख दुःख इस जीवन के दो पार्ट है,
माना दुःख लम्बे और सुख शार्ट है,
हंसकर मुसीबत जिसने झेली है,
शिव की नजरो में वो स्मार्ट है।।