मिलता हैं सच्चा सुख केवल,
शिवजी तुम्हारे चरणों में,
यह विनती हैं पल छीन छीन की,
रहे ध्यान तुम्हारे चरणों में।।
चाहे बैरी सब संसार बने
चाहे जीवन मुझ पर भार बने
चाहे मौत गले का हार बने
रहे ध्यान तुम्हारे चरणों में
मिलता हैं सच्चा सुख केवल
शिवजी तुम्हारे चरणों में
यह विनती हैं पल छीन छीन की
रहे ध्यान तुम्हारे चरणों में।।
चाहे अग्नि में मुझे जलना हो
चाहे कांटो पे मुझे चलना हो
चाहे अग्नि में मुझे जलना हो
चाहे कांटो पे मुझे चलना हो
चाहे छोड़ के देश निकलना हो
रहे ध्यान तुम्हारे चरणों में
मिलता हैं सच्चा सुख केवल
शिवजी तुम्हारे चरणों में
यह विनती हैं पल छीन छीन की
रहे ध्यान तुम्हारे चरणों में।।
चाहे संकट ने मुझे घेरा हो
चाहे चारो और अंधेरा हो
चाहे संकट ने मुझे घेरा हो
चाहे चारो और अंधेरा हो
पर मन नही डगमग मेरा हो
रहे ध्यान तुम्हारे चरणों में
मिलता हैं सच्चा सुख केवल
शिवजी तुम्हारे चरणों में
यह विनती हैं पल छीन छीन की
रहे ध्यान तुम्हारे चरणों में।।
जिव्हा पर तेरा नाम रहे
तेरा ध्यान सुबह और शाम रहे
तेरी याद तो आठो याम रहे
रहे ध्यान तुम्हारे चरणों में
मिलता हैं सच्चा सुख केवल
शिवजी तुम्हारे चरणों में
यह विनती हैं पल छीन छीन की
रहे ध्यान तुम्हारे चरणों में।।