शिव जी गौरा ने परणबा चाल्या,
हिमाचल नगरी में,
हिमाचल नगरी में,
हिमाचल नगरी में,
शिव जी गोरा ने परणबा चाल्या,
हिमाचल नगरी में।।
भूत-डाकणिया लारा आवे,
नशा में होवे तंग,
भांग का लोटा पिके शिव जी,
सबको करदे भंग,
शिव जी गोरा ने परणबा चाल्या,
हिमाचल नगरी में।।
ब्रहा विष्णू आवे बराती,
डम-डम-डमरू बजावे,
विणा बजातो आवे नारद,
सगडा़ रहवे तंग,
शिव जी गोरा ने परणबा चाल्या,
हिमाचल नगरी में।।
ना लायो यो हाथी घोड़ा,
जोगी भेष बणायो,
नाडिया पे असवारी होवे,
तोरण आग्यो बिन,
शिव जी गोरा ने परणबा चाल्या,
हिमाचल नगरी में।।
बिस बरस की गोरा राणी,
जोगी के परणाई,
हेमाचल में धूम मचाई,
सगणा रह जा तंग,
शिव जी गोरा ने परणबा चाल्या,
हिमाचल नगरी में।।
सूरज भारती महिमा गावे,
बाराँ जिला के माही,
सावण महिना में दर्शन देवे,
पार्वती के संग,
शिव जी गोरा ने परणबा चाल्या,
हिमाचल नगरी में।।
शिव जी गौरा ने परणबा चाल्या,
हिमाचल नगरी में,
हिमाचल नगरी में,
हिमाचल नगरी में,
शिव जी गोरा ने परणबा चाल्या,
हिमाचल नगरी में।।
गायक – सूरज भारती बाराँ।
9610634442