फूलो में सज रहे है,
श्री बाबोसा हमारे,
लगते बड़े ही प्यारे,
माँ छगनी के दुलारे,
फूलो में सज रहे है।।
सिर पर मुकुट है प्यारा,
मुखड़ा ज्यो चंदा चमके,
नेनो से बरसे अमीरस,
कानो में कुंडल झलके,
तन पे सजा है बागा,
जिसमे सजे सितारे,
फूलो में सज रहे है।।
सुंदर छवि तुम्हारी,
भक्तो के मन को मोहे,
है लीले की सवारी,
कर में गदा है सोहे,
नैना हुए है बावरे,
बस तुमको ही निहारे,
फूलो में सज रहे है।।
“दिलबर” है ये केसी,
मेरी खुशनसीबी,
श्री बाबोसा की भक्ति,
बाईसा से करीबी,
आओ श्री बाबोसा की,
आरती हम उतारे,
फूलो में सज रहे है।।
फूलो में सज रहे है,
श्री बाबोसा हमारे,
लगते बड़े ही प्यारे,
माँ छगनी के दुलारे,
फूलो में सज रहे है।।
गायिका – संगीता कर्जना मुम्बई।
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
नागदा जक्शन म.प्र. 9907023365
प्रेषक – श्री हर्ष व्यास मुम्बई।
( म्यूजिक डायरेक्टर एवम कंपोजर )
मो . 9820947184