जन्माष्टमी आई छाई,
जग में ख़ुशियाँ अपार,
श्री बाबोसा मंदिर में होवे,
कान्हा की जय जयकार,
है आलकी की पालकी,
जय कन्हैया लाल की,
जय चूरू के सरकार की,
बाबोसा पालनहार की।।
माता देवकी ने जाया,
ये नंद यशोदा का लाला,
भादव की अष्टमी को,
जन्म लियो गोपाला,
मथुरा में प्रभु जन्म हुआ,
देखो ब्रज में हर्ष अपार,
श्री बाबोसा मंदिर मे होवे,
कान्हा की जय जयकार,
है आलकी की पालकी,
जय कन्हैया लाल की,
जय चूरू के सरकार की,
बाबोसा पालनहार की।।
श्री बाबोसा मंदिर में,
ये उत्सव बड़ा सुहाना,
हर भक्त ये बाबोसा का है,
कान्हा का दीवाना,
मंजू बाईसा लाड़ लड़ावे,
मुस्काये मदन मुरार,
श्री बाबोसा मंदिर मे होवे,
कान्हा की जय जयकार,
है आलकी की पालकी,
जय कन्हैया लाल की,
जय चूरू के सरकार की,
बाबोसा पालनहार की।।
श्री बाबोसा के सन्मुख झूले,
पलने में कन्हैया,
बाईसा झूला झूलाये,
लेती जाये बलइय्याँ,
श्याम सलूणा सांवरा,
‘दिलबर’ ये बड़ा दिलदार,
श्री बाबोसा मंदिर मे होवे,
कान्हा की जय जयकार,
है आलकी की पालकी,
जय कन्हैया लाल की,
जय चूरू के सरकार की,
बाबोसा पालनहार की।।
जन्माष्टमी आई छाई,
जग में ख़ुशियाँ अपार,
श्री बाबोसा मंदिर में होवे,
कान्हा की जय जयकार,
है आलकी की पालकी,
जय कन्हैया लाल की,
जय चूरू के सरकार की,
बाबोसा पालनहार की।।
गायिका – रेखा जी राव।
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
नागदा जक्शन म.प्र. 9907023365