श्री राम रुणिचे वाला रे,
अटकी भारत में नैया,
पार लंगाज्या आज्या,
पार लंगाज्या हो।।
अटकी नाव समद में गोता,
खा रही जी खा रही,
बाण्या बोयता की अर्ज रुणिचे,
जा रही जी जा रही,
बैठ्या भुजा पसारी रे,
नैया न किनारे ल्याया,
जहाज तिराज्या आज्या,
जहाज तिराज्या हो।।
भेरू राक्षस भोम उजाड़या,
जा रियो जी जा रियो,
गेंद खेलता बन म रामदेव,
पा गए जी पा गए,
भेरू राक्षस मार्यो रे,
ऊपर शीला सरकादी,
रुणिचो बसाज्या आज्या,
रुणिचो बसाज्या हो।।
पांचों पीर मक्का से मतों कर,
आ गए जी आ गए,
घुड़ला चराता बन में रामदेव,
पा गए जी पा गए,
आसान दे बैठाया रे,
मुख से फरमावो पिरा,
कटोरा मांगाज्या आज्या,
कटोरा मांगाज्या हो।।
हरजी भाटी जन्म जन्म को,
दास है जी दास है,
सिमरे जाकी पूरी बाबो,
आस है जी आस है,
बेड़ा पार लंगाज्या रे,
चवदिश भवन के राजा,
बंश बधाज्या आज्या,
बंश बधाज्या हो।।
श्री राम रुणिचे वाला रे,
अटकी भारत में नैया,
पार लंगाज्या आज्या,
पार लंगाज्या हो।।
गायक – विनोद मेघवाल हनुमानपुरा।
8094953386