श्री श्याम घनश्याम नाम की,
महिमा भारी रे,
ओ म्हारा कुल का देवता,
क्यों देर लगाई रे।।
सुदी ग्यारस की रात जगाई,
कुनबों सभी बुलायो रे,
बारस के दिन कर्यो चूरमो,
गिरधार्यो नही आयो रे,
जी बालक को आज जड़ूलो,
वो नही पायो रे,
ओ म्हारा कुल का देवता,
क्यों देर लगाई रे।।
नीचे ढूंढ़यो ऊपर ढूंढ़यो,
ढूंढ़यो गली बज़ारा रे,
एक कांजर को कुणबो भारी,
पूछ्यो उससे जाकर रे,
कोई बालक ने देख्यो होतो,
माने बताओ रे,
ओ म्हारा कुल का देवता,
क्यों देर लगाई रे।।
कांजर बालक ने ले जाकर,
कुवे में पटक्यायो रे,
झंझारिया गोटा का कपड़ा,
गड्ढा में गाड़याओ रे,
झूठी सौगंध खावे कांजर,
कुछ ना बतावे रे,
ओ म्हारा कुल का देवता,
क्यों देर लगाई रे।।
बालक की माँ अन्न नही खावे,
सात दीना की भूखी रे,
गेहू चना का खेत नीर बिन,
सारी खेती सुखी रे,
कर हिम्मत कुआ पर जाकर,
रोवण लागी रे,
ओ म्हारा कुल का देवता,
क्यों देर लगाई रे।।
कुँए में से बालक बोल्यो,
ओ दादा क्यू रोवे रे,
म्हारो बाबा म्हारे कन्ने,
नितकी मुंडो धोवें रे,
खीर चूरमो माखन मिश्री,
नित की खुवावे रे,
ओ म्हारा कुल का देवता,
क्यों देर लगाई रे।।
कुआ में से बालक काढयो,
देखे दुनिया सारी रे,
सुनकर मायड़ दौड़ी आयी,
छाती से चिपकाई रे,
ओ गिरधारी धन्य हो गयी,
बाबो मिलग्यो रे,
ओ म्हारा कुल का देवता,
क्यों देर लगाई रे।।
सोहन लाल लोहाकार आपका,
हर्ष हर्ष गुण गावे रे,
चरण कमल को लियो आसरो,
ठोर नही कहा जावे रे,
शरण पड़े की बिगड़ी बनानी,
आवे थाने रे,
ओ म्हारा कुल का देवता,
क्यों देर लगाई रे।।
श्री श्याम घनश्याम नाम की,
महिमा भारी रे,
ओ म्हारा कुल का देवता,
क्यों देर लगाई रे।।
Singer – Nawal Loyalka
Upload By – Ravi Agrawal
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