श्रृंगार तेरा देखा तो,
तुझ में खो गया हूँ,
ओ हारे के सहारे,
मैं तेरा हो गया हूं।।
तर्ज – आये हो मेरी जिंदगी में।
चंदा सी क्या छवि है,
नैनों में छा गई है,
मदमाती यह सुगंधी,
सांसों को भा गई है,
अलबेली रोशनी में,
अलबेला हो गया हूं,
ओ हारे के सहारे,
मैं तेरा हो गया हूं।।
तेरे धाम आ गया हूं,
संसार पा गया हूं,
रंग में ओ तेरे बाबा,
पूरा नहा गया हूं,
मुझको नहीं पता है,
जागा की सो गया हूं,
ओ हारे के सहारे,
मैं तेरा हो गया हूं।।
‘लहरी’ ये प्रार्थना है,
चरणों में याचना है,
गिरने लगू तो बाबा,
तुमको संभालना है,
मैं तेरा ही हूं बाबा,
तेरा ही हो गया हूं,
ओ हारे के सहारे,
मैं तेरा हो गया हूं।।
श्रृंगार तेरा देखा तो,
तुझ में खो गया हूँ,
ओ हारे के सहारे,
मैं तेरा हो गया हूं।।
गायक – दीदी श्री उमा लहरी।
प्रेषक – शेखर चौधरी।
मो – 9754032472