जब भी मुझपे पड़ी मुसीबत,
आता है तू दौड़ के,
शुकर करूँ तेरा खाटू वाले,
दोनों हाथ मैं जोड़ के।।
shukar karu tera khatu wale
तर्ज – रींगस के उस मोड़ पे।
हार रहा था जब मैं बाबा,
तूने साथ निभाया था,
बेगाना समझा था जग ने,
तूने अपना बनाया था,
हर पल मेरे साथ तू रहना,
कभी ना जाना छोड़ के,
शुकर करूं तेरा खाटू वाले,
दोनों हाथ मैं जोड़ के।।
कितनी विपदा चाहे खड़ी हो,
मुझको नहीं सताती है,
जब तेरी मोरछड़ी की छाया,
मेरे सिर लहराती है,
तेरे रहते कोई नहीं है,
जो मुझको फिर तोड़ दे,
शुकर करूं तेरा खाटू वाले,
दोनों हाथ मैं जोड़ के।।
जीवन में अब ना कुछ ना चाहूँ,
कोई ना अब दरकार है,
तेरी कृपा जो बरस रही है,
मुझपे अपरम्पार है,
थामे रहना हाथ ‘हरि’ अब,
जीवन के हर मोड़ पे,
शुकर करूं तेरा खाटू वाले,
दोनों हाथ मैं जोड़ के।।
जब भी मुझपे पड़ी मुसीबत,
आता है तू दौड़ के,
शुकर करूँ तेरा खाटू वाले,
दोनों हाथ मैं जोड़ के।।
Singer – Ashish Sharma