श्याम बाबा,
श्याम बाबा हारा हूँ मैं,
संसार से संसार से,
ओ खाटू वाले बाबा,
देना सहारा,
झूठी है ये दुनिया बाबा,
तू ही हमारा,
श्याम बाबा हारा हूं मैं,
संसार से संसार से।।
तर्ज – परदेसी परदेसी जाना नहीं।
जब जब मैं हारा हूँ,
तेरे दर आया,
हाथ पकड़ के मेरा,
तूने अपनाया,
सब कुछ है तेरा जो,
मैंने है पाया,
नालायक था मैं लायक,
बनके आया,
सबकुछ मिला है,
दर पे तेरे आके,
लीले घोड़े वाले,
ओ हारे के सहारे,
श्याम बाबा हारा हूं मैं,
संसार से संसार से।।
श्याम तेरी जो नगरी है,
वो जन्नत है,
वहां की पूरी दुनिया ही,
तो मन्नत है,
कोई खाली झोली,
लेकर आता है,
औकात से ज़्यादा वो,
भरकर ले जाता है,
हम भी दर पे आये,
मन में आस लाये,
थोड़ा तो मिलेगा,
अरदास लगाएं,
श्याम बाबा हारा हूं मैं,
संसार से संसार से।।
जब जब मैं रोया हूँ,
दो पग संग आये,
जब जब मैं मुस्काया,
तुम भी मुस्काए,
सुख हो या जीवन में,
दुःख जितने आये,
तुम संग हो तो कौन,
मेरा क्या कर पाए,
सरकार तुम हो पालनहारे,
ये जीवन है अब तेरे हवाले,
श्याम बाबा हारा हूं मैं,
संसार से संसार से।।
श्याम बाबा,
श्याम बाबा हारा हूँ मैं,
संसार से संसार से,
ओ खाटू वाले बाबा,
देना सहारा,
झूठी है ये दुनिया बाबा,
तू ही हमारा,
श्याम बाबा हारा हूं मैं,
संसार से संसार से।।
Singer – Nitisha Rathod