श्याम धणी को मोटो है दरबार,
फरियादी आवे मोकला जी म्हारा राज,
रे बावलिया कर ले करुण पुकार,
फरियादी आवे मोकला जी म्हारा राज,
फरियादी आवे मोकला जी म्हारा राज।।
कलयुग में यो देवता,
तुरत दिखावेसी,
ओचो कस क्यों ले मरे,
जावे बन कर वीर,
ऐ की कोई जोड़ी नहीं,
जो राखे विश्वास,
मन इच्छा पूरी करे,
करे ह्रदय में वास,
अटकी गाडी करे भगत की पार,
फरियादी आवे मोकला जी म्हारा राज,
फरियादी आवे मोकला जी म्हारा राज।।
यात्री आवे दूर का,
से का अलग सवार,
झूठा परचा दे कोई,
बणसे चाले चाल,
बणने श्याम सुहावना,
कदे ना करसि माफ़,
जने जने ने लूटके,
भी नहीं राखे धाक,
नाम बड़े रो जे को लखदातार,
फरियादी आवे मोकला जी म्हारा राज,
फरियादी आवे मोकला जी म्हारा राज।।
मांगे कोई श्याम से,
कोई जडूला पूत,
धन दौलत का लालची,
फिरे की ताई उक,
न्याय करे यो दास को,
लागे चाहे देर,
ऐ के घर में है नहीं,
बावलिया अंधेर,
क्यों सु के तेरो रक्षक कृष्ण मुरार,
फरियादी आवे मोकला जी म्हारा राज,
फरियादी आवे मोकला जी म्हारा राज।।
श्याम धणी को मोटो है दरबार,
फरियादी आवे मोकला जी म्हारा राज,
रे बावलिया कर ले करुण पुकार,
फरियादी आवे मोकला जी म्हारा राज,
फरियादी आवे मोकला जी म्हारा राज।।
गायक – मनीष जी शर्मा।