श्याम धणी तेरी सांवरी सूरत,
लागे सै घणी ये प्यारी,
मैं तो जाऊं बलिहारी।।
मोर मुकुट तेरे सर पे सोहे,
जिसकी निराली शान है,
अधरों पे मुरली साजे तेरे,
मनमोहक मुस्कान है,
काली कजरारी अँखियों ते,
करते तुम जादूगरी,
मैं तो जाऊं बलिहारी।।
देखूं जो तेरी सांवरी सूरत,
मन पागल हो ज्या मेरा,
कलकत्ते के फूला ते बाबा,
होवे सै सिंगार तेरा,
चन्द्रमा तै प्यारी लागे,
भगतां ने सूरत थारी,
मैं तो जाऊं बलिहारी।।
मोरछड़ी तन्ने प्यारी लागे,
रखता हर दम साथ में,
भगतां के सब संकट काटे,
लहरावे जब हाथ में,
श्याम धणी तेरी मोरछड़ी की,
महिमा घणी ऐ सै प्यारी,
मैं तो जाऊं बलिहारी।।
हारे का तू साथ निभावे,
खाटू वाले श्याम धणी,
सांवरिया तेरे नाम से ही तो,
म्हारी या पहचान बनी,
‘योगेश मुकेश’ भी सच्चे मन से,
महिमा गावै सै थारी,
मैं तो जाऊं बलिहारी।।
श्याम धणी तेरी सांवरी सूरत,
लागे सै घणी ये प्यारी,
मैं तो जाऊं बलिहारी।।
Singer – Shyam Ladla Yogesh Vats