श्याम दिया ही खाते हम,
श्याम ही नाम रटे हर दम,
श्याम ही मेरे जीने का सहारा,
साँवरिया बिन कोई ना हमारा।।
तर्ज – पहले प्यार का पहला गम।
वो ईक दिन था,
जो सब हमको,
गले से लगाते थे,
पाँव में काटां,
चुभ जो जाए,
आंसू बहाते थे,
आज जो विपदा आई है,
सबने बात भूलाई है,
कर लिया मुझसे सबने आज किनारा,
श्याम ही मेरे जीने का सहारा।।
जब थी खुशियां,
पास हमारे,
हो लोग बुलाते थे,
बात हो कोई,
साथ है तेरे,
ये समझाते थे,
दुःख के जब दो पल आए,
कौन इस दिल को समझाए,
कर दिया मुझको जग ने बेसहारा,
श्याम ही मेरे जीने का सहारा।।
भर भर आसूँ,
खूब मैं रोया,
इस दर आया था,
धीर बँधाने,
दिल को मेरे,
श्याम ही आया था,
‘यश’ को श्याम ने समझाया,
पास बुलाकर बैठाया,
ना रो बेटा अबसे तुम्हारा,
अब से नही तू जग मे बेसहारा,
श्याम ही मेरे जीने का सहारा।।
श्याम दिया ही खाते हम,
श्याम ही नाम रटे हर दम,
श्याम ही मेरे जीने का सहारा,
साँवरिया बिन कोई ना हमारा।।
Singer : Vivek Agarwal, Biswan (U.P.)
Added By –
NIKHEEL KUMAR,
9866887841