थारी ही लगनिया में लगना है,
थारी भक्ति रंग में बाबा घुलना है,
श्याम की होरी के रंग में रंगना है,
श्याम की होली के रंग में रंगना हैं।।
भक्ति की पिचकारी से मैं बाबा रंग लगाऊं,
तेरे नाम की मैं बाबा जोगन हो जाऊं,
घर की आंगनिया में बाबा हर दम तुझे बुलाऊँ,
दिल की नगरी में बाबा तेरा दरबार लगाऊं,
नाम तो तेरा ही बाबा जपना है,
तेरी ही माला मुझे रटना है,
श्याम की होली के रंग में रंगना हैं।।
फागुन के महीने में आया खाटू का मेला,
भीड़ पड़ी भारी बाबा मेला है अलबेला,
बाबा मेरा बड़ा दयालु झोली सबकी भरता,
जो कर ले बस दिल से भक्ति सबके दुःख को हरता,
खाटू में आऊं यही सपना है,
बाबा मेरा बस तू ही अपना है,
श्याम की होली के रंग में रंगना हैं।।
थारी ही लगनिया में लगना है,
थारी भक्ति रंग में बाबा घुलना है,
श्याम की होरी के रंग में रंगना है,
श्याम की होली के रंग में रंगना हैं।।
Singer – Neha Khambia