श्याम को दरबार यो तो,
दीना को ठिकानो है,
वो साथीड़ो पुराणों है,
श्याम को दरबार।।
तर्ज – एक तेरा साथ हमको।
गलती से कोई भी,
आयो है खाटू में,
इसी को हो गयो,
बाबा की बस्ती में,
बाबा की मस्ती में,
भगत वो खो गयो,
भूल गयो घर बार,
इब तो खाटू आनो जानो है,
वो साथीड़ो पुराणों है,
श्याम को दरबार यों तो,
दीना को ठिकानो है,
श्याम को दरबार।।
भटक्योड़ा भक्ता को,
बाबो सहारो है,
दिखावे रास्तो,
दुनिया का रिश्ता तो,
बदले है चुटकी में,
ना राखे वास्तो,
सांचो रिश्तेदार,
म्हारो जाण्यो और पिचाणो है,
वो साथीड़ो पुराणों है,
श्याम को दरबार यों तो,
दीना को ठिकानो है,
श्याम को दरबार।।
तू सौंप दे डोरी,
बाबा के हाथां में,
फिकर तू क्यों करे,
‘नरसी’ की गाडी ने,
यो ही है हाँकनियो,
भगत तू क्यों डरे,
सांवरिये रो नाम,
ही बस तेरे सागे जाणो है,
ना रुपियो काम आनो है,
वो साथीड़ो पुराणों है,
श्याम को दरबार यों तो,
दीना को ठिकानो है,
श्याम को दरबार।।
श्याम को दरबार यो तो,
दीना को ठिकानो है,
वो साथीड़ो पुराणों है,
श्याम को दरबार यों तो,
दीना को ठिकानो है,
श्याम को दरबार।।
Singer – Prdeep Sharma