मैंने कियो कौन अपराध,
श्याम क्यूँ रूठ गए,
झट पट खोलो सरकार,
श्याम क्यूँ रूठ गये,
मन दर्शन बिन बेचैन,
श्याम क्यूँ रूठ गये।।
रोज़ नियम से दर्शन करते,
प्रेम भाव तुझे अर्पण करते,
तूने कैसे दिया बिसार,
श्याम क्यूँ रूठ गये,
मन दर्शन बिन बेचैन,
श्याम क्यूँ रूठ गये।।
भूल चूक की माफ़ी दे दो,
एक टेम की झाँकी दे दो,
अब मान जाओ सरकार,
श्याम क्यूँ रूठ गये,
मन दर्शन बिन बेचैन,
श्याम क्यूँ रूठ गये।।
विरह वेदना सही ना जाये,
और किसी से कही ना जाए,
‘पप्पू शर्मा’ अब गया हार,
श्याम क्यूँ रूठ गये,
मन दर्शन बिन बेचैन,
श्याम क्यूँ रूठ गये।।
मैंने कियो कौन अपराध,
श्याम क्यूँ रूठ गए,
झट पट खोलो सरकार
श्याम क्यूँ रूठ गये,
मन दर्शन बिन बेचैन,
श्याम क्यूँ रूठ गये।।
गायक – पप्पू जी शर्मा खाटूवाले।