श्याम रंगीला रंगीला,
जहाँ के कण कण में,
बसता है श्याम रंग,
जहाँ हर कदम कदम पे,
चलता श्याम संग,
जहाँ चारों तरफ ख़ुशहाली है,
जहाँ शामें रोज़ दीवाली है,
वहाँ पे बैठा सज धज कर के,
ठाकुर सजीला,
श्याम रंगीला रंगीला,
श्याम मेरा रंगीला।।
तर्ज – देश रंगीला रंगीला।
श्याम के दर को छुके हवाएँ,
खुशबु जहाँ में घोलती,
पत्ता पत्ता डाली डाली,
श्याम श्याम ही बोलती,
श्याम की धुन में चारों तरफ है,
आलम सुरीला,
श्याम रँगीला रँगीला,
श्याम मेरा रंगीला।।
श्याम नाम के जयकारों से,
चारों दिशाएं गूँजती,
हाथों में ले रंग केसरिया,
भक्तों की टोली झूमती,
श्याम लगन में मस्त मगन,
हर प्रेमी छबीला,
श्याम रँगीला रँगीला,
श्याम मेरा रंगीला।।
चेहरे की रौनक लब की ख़ुशी और,
मन की तरंग है साँवरा,
‘रजनी’ सजी जिन रंगों से दुनिया,
हर वो रंग है साँवरा,
श्याम सुधा रस पीकर ‘सोनू;,
हो जा रसीला,
श्याम रँगीला रँगीला,
श्याम मेरा रंगीला।।
जहाँ के कण कण में,
बसता है श्याम रंग,
जहाँ हर कदम कदम पे,
चलता श्याम संग,
जहाँ चारों तरफ ख़ुशहाली है,
जहाँ शामें रोज़ दीवाली है,
वहाँ पे बैठा सज धज कर के,
ठाकुर सजीला,
श्याम रँगीला रँगीला,
श्याम मेरा रंगीला।।
Singer – Rajni Ji Rajasthani