सच्चे मन से जो ध्याता है,
श्याम सहारा बन जाता है,
श्याम शरण में जो आता है,
श्याम सहारा बन जाता हैं।।
तर्ज – और इस दिल में।
करे जो याद इसको,
दया उस पर ये करता,
ख़ुशी से दामन उसका,
सांवरा सेठ भरता,
इसका चिंतन करे जो,
उसकी चिंता करे ये,
चरण में जो झुकता है,
हाथ सर पर धरे ये,
कदम कदम पर रक्षा करता,
रखता हर दम ध्यान,
रखता हर दम ध्यान,
अभयदान फल वो पाता है,
श्याम सहारा बन जाता हैं।।
पुकारो दिल से इसको,
दौड़ कर आ जायेगा,
समस्या जो भी होगी,
उसे सुलझा जायेगा,
निराले खेल इसके,
कोई भी समझ ना पाए,
क्या से क्या कर देता सब,
देखते ही रह जाए,
देव निराला खाटू वाला,
कलयुग का भगवान,
कलयुग का भगवान,
लीला अपनी दिखलाता है,
श्याम सहारा बन जाता हैं।।
भाव का भूखा बाबा,
भाव से इसे रिझा ले,
जो तेरे मन को भाये,
वही रिश्ता बना ले,
प्रेम का रिश्ता इसको,
निभाना खूब आता,
‘बिन्नू’ तू जोड़ ले इससे,
कोई प्यारा सा नाता,
लोक दिखावा इसे ना भाये,
प्रेम की है पहचान,
प्रेम की है पहचान,
प्रेमी को ही अपनाता है,
श्याम सहारा बन जाता हैं।।
सच्चे मन से जो ध्याता है,
श्याम सहारा बन जाता है,
श्याम शरण में जो आता है,
श्याम सहारा बन जाता हैं।।
Singer – Mamta Bihani