श्याम सलोना खाटू वाला,
ये तो जादूगर कहलाए,
ये ऐसा मंतर मार दे पल में,
क्या से क्या हो जाए।।
तर्ज – झूठ बोले कव्वा काटे।
वो जब से खाटू में आया,
खाटू को स्वर्ग बना डाला,
जिस ने भी देखा वो बोला,
दिखने में है श्याम मतवाला,
वो छैलछबीला प्यारा है,
सबकी आँखो का तारा है,
देख ले उस को एक नजर जो,
वो उसका हो जाए,
वो ऐसा मंतर मार दे पल में,
क्या से क्या हो जाए।।
हर दिल से उसका नाता है,
वो सबका भाग्य विधाता है,
वो तकदीरे चमकाता है,
देकर के नहीं जताता है,
ये ‘प्रीती’ महा सुखदाता है,
मुश्किल में काम बनाता है,
कलयुग का अवतारी है ये,
लखदातार कहाय,
ये ऐसा मंतर मार दे पल में,
क्या से क्या हो जाए।।
उसकी वो मोरछड़ी प्यारी,
काटे संकट भारी भारी,
लीला घोड़ा और मोरछड़ी,
श्री श्याम की शोभा है न्यारी,
जिसके दीवाने संसारी,
जाये इस पे वारि वारि,
श्री श्याम ‘सुभाष’ ये कहलाता है,
महादानी मांग के खाये,
ये ऐसा मंतर मार दे पल में,
क्या से क्या हो जाए।।
श्याम सलोना खाटू वाला,
ये तो जादूगर कहलाए,
ये ऐसा मंतर मार दे पल में,
क्या से क्या हो जाए।।
Singer – Priti Sargam Singh