श्याम सलोना रूप है तेरा,
घुंघराले है बाल,
नैनों से अमृत बरसता,
भक्तो के प्रतिपाल।।
तर्ज – चांदी जैसा रंग है तेरा।
शूल भरा पथ एक नज़र में,
फूलों से भर जाये,
रोते रोते आता है जो,
हँसता हँसता जाये,
नाम बहुत सुखदाई तेरा,
मन में रस बरसाए,
श्रध्दा से जो ध्यान धरे,
श्रध्दा से जो ध्यान धरे,
प्रभु पल में करे निहाल,
नैनों से अमृत बरसता,
भक्तो के प्रतिपाल।।
माया से मोहित होकर,
जो भटक रहें है लोग,
केवल अपने स्वार्थ का ही,
लगा हुआ है रोग,
भूल प्रभु को पल पल,
निस दिन भोग रहें है भोग,
मन में पावन भाव जगें,
मन में पावन भाव जगें,
जो आए खाटू धाम,
नैनों से अमृत बरसता,
भक्तो के प्रतिपाल।।
पल प्रतिपल प्रभु नाम तुम्हारा,
रहे अधर पर नाथ,
पड़ा हुआ हूँ श्री चरणों में,
जोड़े अपने हाथ,
अपना लो प्रभु आप जिसे,
बन जाये उसकी बात,
दिन दुखी जो ध्यान धरे,
दिन दुखी जो ध्यान धरे,
हो जाए मालामाल,
नैनों से अमृत बरसता,
भक्तो के प्रतिपाल।।
श्याम सलोना रूप है तेरा,
घुंघराले है बाल,
नैनों से अमृत बरसता,
भक्तो के प्रतिपाल।।
Singer : Sandeep Bansal