श्याम सरकार है ये,
सर झुकाने चले आओ,
सच्चा दरबार है ये,
सर झुकाने चले आओ।।
तर्ज – बाबुल का ये घर।
करले भरोसा तू,
तेरी बिगड़ी बना देगा,
तेरी अटकी हई नैया,
वो किनारे लगा देगा,
बड़ा ही दयालु है,
बस मनाने चले आओ,
सच्चा दरबार है ये,
सर झुकाने चले आओ।।
प्रीत लगाने से,
तेरा जीवन संवर जाये,
तेरी गम से भरी झोली,
खुशियों से भर जाये,
बड़ा दिलदार है ये,
दिल लगाने चले आओ,
सच्चा दरबार है ये,
सर झुकाने चले आओ।।
कोशिश करो थोड़ी,
इसे अपना बनाने की,
प्रभु से करो विनती,
इसे दिल में बिठाने की,
‘बनवारी’ सुन लेगा ये,
बस सुनाने चले आओ,
सच्चा दरबार है ये,
सर झुकाने चले आओ।।
श्याम सरकार है ये,
सर झुकाने चले आओ,
सच्चा दरबार है ये,
सर झुकाने चले आओ।।
Singer – Upasana Mehta