जग से छुपाएं हम फिरते है,
श्याम से सब कहते है,
सुलझा देगा हर उलझन वो,
सोच के सब सहते है।bd।
तर्ज – कौन सुनेगा किसको सुनाए।
हम है एक पतंग,
डोर जिसकी है श्याम के हाथों में,
उड़ते होके मलंग धुप हो,
या चाहे बरसातों में,
कोई दिशा हो चाहे हवाएं,
मौज में हम बहते है,
सुलझा देगा हर उलझन वो,
सोच के सब सहते है।bd।
शमा से मिलकर देखे हमने,
मिट जाते परवाने है,
श्याम शमा से जीते,
हम वैसे परवाने है,
हम दीवाने श्याम को जाने,
शान से ये कहते है,
सुलझा देगा हर उलझन वो,
सोच के सब सहते है।bd।
यश ना दे हम श्याम कृपा को,
हम ऐसे खुदगर्ज नहीं,
नाम श्याम का लिखकर गाते,
इससे बड़ा कोई फर्ज नहीं,
श्याम देन है ‘गोलू’ जीवन,
हम जो बसर करते है,
Bhajan Diary Lyrics,
सुलझा देगा हर उलझन वो,
सोच के सब सहते है।bd।
जग से छुपाएं हम फिरते है,
श्याम से सब कहते है,
सुलझा देगा हर उलझन वो,
सोच के सब सहते है।bd।
Singer – Vivek Sharma ‘Jitu’
भजन अति सुन्दर है।