श्याम सुन्दर सदा,
हमको प्यारे रहे,
हम उन्ही के रहे,
वो हमारे रहे।।
तेज नदिया की धारा,
चली जा रही,
मेरी नैया भी उसमे,
बही जा रही,
हम भवर में रहे,
या किनारे रहे,
हम उन्ही के रहे,
वो हमारे रहे।
श्याम सुंदर सदा,
हमको प्यारे रहे,
हम उन्ही के रहे,
वो हमारे रहे।।
जिस डगर पे मुरलिया,
की धुन आएगी,
उस डगर पे उमरिया,
गुजर जाएगी,
उनकी छवि को,
हृदय में उतारे रहे,
हम उन्ही के रहे,
वो हमारे रहे।
श्याम सुन्दर सदा,
हमको प्यारे रहे,
हम उन्ही के रहे,
वो हमारे रहे।।
प्रेम रस की,
ये धारा बहती रहे,
नित घनश्याम रसना,
ये कहती रहे,
अपने जीवन को,
मोहन पे वारे रहे,
हम उन्ही के रहे,
वो हमारे रहे।
श्याम सुंदर सदा,
हमको प्यारे रहे,
हम उन्ही के रहे,
वो हमारे रहे।।