श्याम तेरे भक्तों को,
तेरा ही सहारा है,
बाबा तेरे भक्तों को,
तेरा ही सहारा है।।
तर्ज – बाबुल का ये घर।
आशा निराशा ने,
घेरा परेशान हूँ,
कैसे बचूं इनसे,
आख़िर मैं इंसान हूँ,
तेरी दया के बिना ओ बाबा,
तेरी दया के बिना,
अपना ना गुज़ारा है,
बाबा तेरे भक्तों को,
तेरा ही सहारा है।।
मालिक तेरे जग का,
अंदाज़ निराला है,
भक्तो को पीना पड़ा,
यहाँ ज़हर का प्याला है,
पर वो कभी ना डरे ओ बाबा,
पर वो कभी ना डरे,
जिन्हे साथ तुम्हारा है,
बाबा तेरे भक्तों को,
तेरा ही सहारा है।।
किसको कहे अपना,
अपने भी बेगाने है,
फुर्सत नहीं इनको,
मतलब के दीवाने है,
प्रेमी अपने मिला ओ बाबा,
प्रेमी अपने मिला,
जो तुझको दुलारा है,
बाबा तेरे भक्तों को,
तेरा ही सहारा है।।
मीत बनो मेरे,
हमें तेरी जरुरत है,
अपनों के खातिर सुना,
तुम्हे फुर्सत ही फुर्सत है,
‘नंदू’ तेरे खातिर ओ बाबा,
‘नंदू’ तेरे खातिर,
किया सबसे किनारा है,
बाबा तेरे भक्तों को,
तेरा ही सहारा है।।
श्याम तेरे भक्तों को,
तेरा ही सहारा है,
बाबा तेरे भक्तों को,
तेरा ही सहारा है।।
गायक / प्रेषक – अक्षय अग्रवाल इंदौर
7000901238