श्याम तेरे हाथों में हमारी डोर है,
तेरे सिवा जग में ना कोई और है,
ना कोई और है,ना कोई ठौर है,
श्याम तेरे हाथो में हमारी डोर है,
तेरे सिवा जग में ना कोई और है।।
तर्ज – दूल्हे का सेहरा।
तेरी कबसे राह देखूं साँवरे प्रीतम,
आजा हरले पीर मेरी काट सारे गम,
तू ही उगता सूरज तू ही भोर है,
तेरे सिवा जग में ना कोई और है,
श्याम तेरे हाथो में हमारी डोर है,
तेरे सिवा जग में ना कोई और है।।
दुनिया कहती है मूझे तू साथ है मेरे,
तुझको क्या है गम श्यामजी साथ हैं तेरे,
दिखलाओ शक्ति में कितना जोर है,
तेरे सिवा जग में ना कोई और है,
श्याम तेरे हाथो में हमारी डोर है,
तेरे सिवा जग में ना कोई और है।।
कुछ ना मांगू आपसे इतनी कृपा करना,
मेरे मन मंदिर में गिरधर यूँ सदा रहना,
थाम ले बइयाँ तू ही मेरा चितचोर है,
तेरे सिवा जग में ना कोई और है,
श्याम तेरे हाथो में हमारी डोर है,
तेरे सिवा जग में ना कोई और है।।
ये ‘मुकेश’ बन गया दीवाना,
काम हो गया भजन सुनाना,
फैलाता है खुशियाँ चारों ओर है,
तेरे सिवा जग में ना कोई और है,
श्याम तेरे हाथो में हमारी डोर है,
तेरे सिवा जग में ना कोई और है।।
श्याम तेरे हाथों में हमारी डोर है,
तेरे सिवा जग में ना कोई और है,
ना कोई और है,ना कोई ठौर है,
श्याम तेरे हाथो में हमारी डोर है,
तेरे सिवा जग में ना कोई और है।।
गायक / लेखक – मुकेश कुमार जी।