श्याम तेरे कीर्तन की,
रात ये आई है,
भक्तो को तेरे नाम की,
मस्ती छाई है,
ओ की मस्ती छाई है,
मस्ती छाई है,
श्याम तेरे कीर्तन की,
रात ये आई है,
भक्तो को तेरे नाम की,
मस्ती छाई है।।
तर्ज – काली कमली वाला मेरा यार।
श्याम नाम रस बरस रहा है,
भक्तो का मन हरष रहा है,
भक्तो का मन हरष रहा है,
श्याम नाम रस बरस रहा है,
भक्तो का मन हरष रहा है,
भक्तो का मन हरष रहा है,
श्याम सलोनी सूरत,
दिल में समाई है,
भक्तो को तेरे नाम की,
मस्ती छाई है।।
श्याम तेरे किर्तन की,
रात ये आई है,
भक्तो को तेरे नाम की,
मस्ती छाई है।।
खूब सजा दरबार श्याम का,
दीवाना संसार श्याम का,
दीवाना संसार श्याम का,
खूब सजा दरबार श्याम का,
दीवाना संसार श्याम का,
दीवाना संसार श्याम का,
श्याम दीवानो ने,
क्या धूम मचाई है,
भक्तो को तेरे नाम की,
मस्ती छाई है।।
श्याम तेरे किर्तन की,
रात ये आई है,
भक्तो को तेरे नाम की,
मस्ती छाई है।।
खोले किस्मत का ये ताला,
ऐसा है दरबार निराला,
ऐसा है दरबार निराला,
खोले किस्मत का ये ताला,
ऐसा है दरबार निराला,
ऐसा है दरबार निराला,
‘चित्र विचित्र’ के सदा ही,
श्याम सहाई है,
भक्तो को तेरे नाम की,
मस्ती छाई है।।
श्याम तेरे किर्तन की,
रात ये आई है,
भक्तो को तेरे नाम की,
मस्ती छाई है।।
श्याम तेरे कीर्तन की,
रात ये आई है,
भक्तो को तेरे नाम की,
मस्ती छाई है,
ओ की मस्ती छाई है,
मस्ती छाई है,
श्याम तेरे कीर्तन की,
रात ये आई है,
भक्तो को तेरे नाम की,
मस्ती छाई है।।